रस्म रिवाज
कभी रस्में- रवायत तेरे नज़दीक आने नहीं देती
और ये मोहब्बत तुझसे दूर कभी जाने नहीं देती
मुद्दतों बे शुमार दर्द उठाने की ये हमारी आदत
बोझ हल्की सी ख़ुशियों का भी उठाने नहीं देती
जो लोग निकलते हैं दौलत की तलाश में उनको
ज़िन्दगी फ़िर कभी एक ज़गह ठिकाने नहीं देती
हर सही बात पर भी रुठ जाने की तेरी फ़ितरत
हमें मज़बूर करती है सच्चाई बताने नहीं देती
फ़र्ज का ज़िम्मेदारी का ज़ज़्बा जो होगा शामिल
ख़ुद ज़िन्दगी ही मोहब्बतों को निभाने नहीं देती
Babita patel
01-Jul-2024 11:02 AM
V nice
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Varsha_Upadhyay
01-Jul-2024 12:11 AM
Nice
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Mohammed urooj khan
27-Jun-2024 02:01 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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